★v★
लगाकर आग दिल में अब तुम चले
हो कहाँ....??
अभी तो राख उड़ने दो तमाशा और
भी होगा....!!
★v★
तुम्हें जब कभी मिले फ़ुरसतें मेरे दिल से बोझ उतार दो,
मैं बहुत दिनों से उदास हूँ मुझे कोई शाम उधार दो.
★v★
सारे रिश्ते अभी भी कायम हैं.,
बस अब ज्यादा बात नहीं होती !!!!
★v★
मेरी सब कोशिशें नाकाम थी उनको मनाने कि...
कहाँ सीखीं है, ज़ालिम ने अदाएं रूठ जाने कि...
★v★
ए इश्क...मुझको कुछ और जख्म चाहियें...!!!
अब मेरी शायरी में वो बात
नहीं रही...!!
★v★
असल मोहब्बत तो वो पहली ही
मोहब्बत थी ..
.
.
इसके बाद तो हर शक्स में सिर्फ ढूँढा
उस को......!!
★v★
तड़पती देखता हूँ जब कोई चीज,
उठा लेता हूँ अपना दिल समझकर...
★v★
दर्द में दर्द की तलाश कब तलक,
जो ना आए उसका इंतजार कब तलक!
★v★
खुद के यक़ी पर शक हो चला है,
झूठी आस पर ये ख्वाब कब तलक!!!!
★v★
मुझे तलाश है उन रास्तों कि, जहां से कोई
गुज़रा न हो...!
.
.
सुना है...
वीरानों मे अक्सर, जिंदगी मिल जाती है.
★v★
मिलते हैं बाज़ार में, वफ़ा बेचते यार.
पानी आँखों का मरा, मरी शर्म औ लाज.
★v★
हादसे से बड़ा हादसा ये हुआ.,
लोग ठहरे नहीं हादसा देखकर.!
★v★
झूठी थी कसमें सभी, झूठा था इकरार.
वो हमको छलता रहा, हम समझे है प्यार.
★v★
ऊसके जैसी कोई ओर कैसे हो सकती है ,
और अब तो वो खुद अपने जैसी नहीं
रही...
★v★
सोचता हूँ इस दिल में एक कब्रिस्तान बना लूँ,,,
मर रहे हैं सारे ख्वाब एक-एक कर के
★v★
मैं कैसे यकीन कर लू, मुझसे मोहब्बत नहीं थी उनको...
सुना हैं आज भी वो रोते हैं, मेरी तस्वीर सीने से लगा कर...!!!
★v★
जब मेरी नब्ज देखी हकीम ने तो ये
कहा,
कोई जिन्दा है ईस मे.. मगर ये मर
चुका है !!!!
★v★
बरबाद कर देती है मोहब्बत
हर मोहब्बत करने वाले को
क्यूकि इश्क़ हार नही मानता
और दिल बात नही मानता !
★v★
दर्द का कहर बस इतना सा है,
आँखें बोलने लगी आवाज़ रूठ गयी...!!
★v★
इश्क का धंधा बड़ा ही गन्दा..
मुनाफे में "जेब" जले..
और घाटे में "दिल"
★v★
उसे किस्मत समझ कर सीने से लगाया था,
भूल गए थे के किस्मत बदलते देर नहीं
लगती.!!
★v★
अपनाने के लिए हज़ार खूबियां भी कम हैं,
छोड़ने के लिए एक कमी ही काफी है।
★v★
तन्हा रेहने का भी अलग नशा हे यारो... की ये यकीन रेहता हे की कोइ छोड के नही
जायेगा ओर उमीद भी नही रेहती कीसी के लोट के आने की...
★v★
तुझे हुआ नहीं, इसलिए पता नहीं
ददॅ क्या होता हैं मोहब्बत का ll
★v★
देख जिँदगी तू हमे रुलाना छोड दे
अगर हम खफा हूऐ तो तूझे छोड देँगे...!!
★v★
कभी टूट कर बिखरो तोह मेरे पास आ जाना ,
मुझे अपने जैसे बन्दे बहुत अछे
लगते है...
★v★
ये सुन के अजीब सा लगता है कि
वो मुझे छोड़ कर भी ख़ुश नहीं होगा....!!
★v★
आज उसने हमे एक और दर्द दिया तो हमें याद आया.....
के दुआओं में हमने ही तो उसके सारे दर्द मांगे थे....।।।
लगाकर आग दिल में अब तुम चले
हो कहाँ....??
अभी तो राख उड़ने दो तमाशा और
भी होगा....!!
★v★
तुम्हें जब कभी मिले फ़ुरसतें मेरे दिल से बोझ उतार दो,
मैं बहुत दिनों से उदास हूँ मुझे कोई शाम उधार दो.
★v★
सारे रिश्ते अभी भी कायम हैं.,
बस अब ज्यादा बात नहीं होती !!!!
★v★
मेरी सब कोशिशें नाकाम थी उनको मनाने कि...
कहाँ सीखीं है, ज़ालिम ने अदाएं रूठ जाने कि...
★v★
ए इश्क...मुझको कुछ और जख्म चाहियें...!!!
अब मेरी शायरी में वो बात
नहीं रही...!!
★v★
असल मोहब्बत तो वो पहली ही
मोहब्बत थी ..
.
.
इसके बाद तो हर शक्स में सिर्फ ढूँढा
उस को......!!
★v★
तड़पती देखता हूँ जब कोई चीज,
उठा लेता हूँ अपना दिल समझकर...
★v★
दर्द में दर्द की तलाश कब तलक,
जो ना आए उसका इंतजार कब तलक!
★v★
खुद के यक़ी पर शक हो चला है,
झूठी आस पर ये ख्वाब कब तलक!!!!
★v★
मुझे तलाश है उन रास्तों कि, जहां से कोई
गुज़रा न हो...!
.
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सुना है...
वीरानों मे अक्सर, जिंदगी मिल जाती है.
★v★
मिलते हैं बाज़ार में, वफ़ा बेचते यार.
पानी आँखों का मरा, मरी शर्म औ लाज.
★v★
हादसे से बड़ा हादसा ये हुआ.,
लोग ठहरे नहीं हादसा देखकर.!
★v★
झूठी थी कसमें सभी, झूठा था इकरार.
वो हमको छलता रहा, हम समझे है प्यार.
★v★
ऊसके जैसी कोई ओर कैसे हो सकती है ,
और अब तो वो खुद अपने जैसी नहीं
रही...
★v★
सोचता हूँ इस दिल में एक कब्रिस्तान बना लूँ,,,
मर रहे हैं सारे ख्वाब एक-एक कर के
★v★
मैं कैसे यकीन कर लू, मुझसे मोहब्बत नहीं थी उनको...
सुना हैं आज भी वो रोते हैं, मेरी तस्वीर सीने से लगा कर...!!!
★v★
जब मेरी नब्ज देखी हकीम ने तो ये
कहा,
कोई जिन्दा है ईस मे.. मगर ये मर
चुका है !!!!
★v★
बरबाद कर देती है मोहब्बत
हर मोहब्बत करने वाले को
क्यूकि इश्क़ हार नही मानता
और दिल बात नही मानता !
★v★
दर्द का कहर बस इतना सा है,
आँखें बोलने लगी आवाज़ रूठ गयी...!!
★v★
इश्क का धंधा बड़ा ही गन्दा..
मुनाफे में "जेब" जले..
और घाटे में "दिल"
★v★
उसे किस्मत समझ कर सीने से लगाया था,
भूल गए थे के किस्मत बदलते देर नहीं
लगती.!!
★v★
अपनाने के लिए हज़ार खूबियां भी कम हैं,
छोड़ने के लिए एक कमी ही काफी है।
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तन्हा रेहने का भी अलग नशा हे यारो... की ये यकीन रेहता हे की कोइ छोड के नही
जायेगा ओर उमीद भी नही रेहती कीसी के लोट के आने की...
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तुझे हुआ नहीं, इसलिए पता नहीं
ददॅ क्या होता हैं मोहब्बत का ll
★v★
देख जिँदगी तू हमे रुलाना छोड दे
अगर हम खफा हूऐ तो तूझे छोड देँगे...!!
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कभी टूट कर बिखरो तोह मेरे पास आ जाना ,
मुझे अपने जैसे बन्दे बहुत अछे
लगते है...
★v★
ये सुन के अजीब सा लगता है कि
वो मुझे छोड़ कर भी ख़ुश नहीं होगा....!!
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आज उसने हमे एक और दर्द दिया तो हमें याद आया.....
के दुआओं में हमने ही तो उसके सारे दर्द मांगे थे....।।।
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